मुसाफ़िर--लगवा दी न देश मे आग प्यारे लाल जी... कर दिया न देश मे हिन्दू मुस्लिम...संसद में हारे तो अब सड़क के सहारे?
प्यारे लाल--आपने हमारी दुखती रग को छेड़ा क्यों? आप जानते है हम तुष्टिकरण की राजनीति करते है। मुस्लिम हमारी दूध देने वाली गाय है, इनके लिये हम किसी भी हद तक जा सकते है।
मुसाफ़िर--अरे क्यों भोले-भाले लोगो को भड़का रहे हो, नागरिकता बिल में तो मुसलमानों का कहीं नाम भी नहीं है। हम मुसलमानों को कहीं नही भेज रहे ,हमने तो कश्मीर के मुस्लमानो तक को नहीं जाने दिया बहुत से मुसलमान पाकिस्तान जाना चाहते थे, धारा 370 हटा कर रोक लिया। ये बिल नागरिकता देने का है भैया लेने का नही।
प्यारे लाल--तो मुसलमानों को इससे क्यों महरूम रखा गया है ,जब सब धर्मों वालो का नाम बिल में डाला हुआ है तो मुसलमानों का क्यों नहीं ? उनका भी डालो।
मुसाफ़िर--क्या चाहते हो घर मे रोहिंग्या का घुसने का रास्ता साफ कर दें? पाकिस्तान और बंगलादेश के मुसलमानों के लिए भी देश के दरवाजे खोल दें, ठण्ड पड़ जाएगी आपको ?
प्यारे लाल-- हमारे हिसाब से तो खुलने चाहिये, हमारा एजेंडा है भई यह।
मुसाफ़िर-- जब देश का बंटवारा 1947 में धर्मिक आधार पर हो चुका है ...तो क्यों देश के दुश्मन बने हुए हो प्यारे लाल जी क्यों घर मे घुसपैठियों को रखना चाहते है आप.. वो हमारे नागरिको के संसाधनों पर कब्जा कर रहें है। जब जानते हैं देश के नागरिक मुसलमानों को कहीं कोई बाहर नहीं निकाल रहा फिर क्यों उन्हें भड़काने में लगे हुए हो ?
प्यारे लाल--सियासत है मुसाफ़िर मियां तुम नहीं समझोगे।
मुसाफ़िर प्यारे के शब्दो पर जोर देता हुआ बोला -- हम नहीं समझेंगे !....तुम्हारी सियासत को तो देश का बच्चा -बच्चा समझ रहा है ,नंगी हो चुकी है तुम्हरी सियासत, तुम इसका चुनाव में फायदा लेना चाहते हो कुछ नहीं मिलेगा तुम्हे... कुछ भी नहीं ..तुम वोटो की खातिर हिन्दू- मुसलमान को भिड़वा रहे हो सोशल मीडिया पर देखो क्या चल रहा है ...पढ़ों ,देखो देश का नोजवान क्या कह रहा है तुम्हें, सब समझ मे आ जायेगा...सियासत करेंगे ये..? अरे भाई वो मुस्लिम बच्चे सही से एक्सप्लेन भी नही कर पा रहे है कि NRC और CAA है क्या? तुम्हारे प्रदर्शनों में ऐसा क्या है जो देश की जनता समझ नहीं पा रही, सबको सब समझ आ रहा है प्यारे लाल जी... सबको।
प्यारे लाल--हमे पता है आप सही कह रहे है पर हमारी भी मजबूरी समझो मुसाफ़िर सहाब कोई सही मुद्दा नहीं मिलेगा तो हम हाथ पर हाथ धर कर तो बैठ नहीं सकते।
मुसाफ़िर -- प्यारे लाल जी आप न चाहते हुए भी भाजपा के चक्रव्यूह में फंसते जा रहे हो,आप कहते हो यह बिल धर्म के आधार पर लाया गया है तो ठीक है फिर तो देश को यूनिफॉर्म सिविल कोड (सामान नागरिक सहिंता ) की अति आवश्यकता है ...सब के लिए एक कानून ....फंस गये न...??????
#CAA #CAB #NRC